Shyam Ek /kisan
जो छोड़ कर चले गए तुम हमे सुनसान मे
बुढ़ापे में मैं हम दोनों को साथ देखता था
शायद कोई भारी कमी थी मेरे अनुमान में ।
ये सच है या मुझे ही नजर नहीं आता
तुम्हारे बाद तुम सा मिला नहीं जहान में
तुम सुपर ओवर में फ्री हिट जैसी
मैं नो बॉल पर रन आउट जैसा
आखिर हुआ कैसे ये मेल खेल के मैदान में।
तुम्हारे पीछे मैं खुद को नहीं छोड़ सकता
किसान वाले गुण तो रहेंगे श्याम एक किसान में।
Nice Roopa! Keep it up.
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