Taaron Ke Shahar | Random Rhymes #4

आ ले चलें तुम्हें तारों को शहर में 
नाम है मेरा आवरों के शहर में 
 
IIT में आने का इतना फायदा है, 
रुतबा है मेरा बेरोजगारों के शहर में 
 
अब मुझे ग्वारों के गांव जाना है 
क्या काम रह गया मेरा समझदारों के शहर में 
 
खुश रहने का नाटक अब हमसे न होगा 
नहीं फिट आता मैं नकाबदारों के शहर में 




























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