Use bhi esa hi lagta hai

मेरा पड़ोसी बहुत बेईमान है
वो मुझसे जलता है
मुझे नीचा दिखाने की 
कोशिश करता रहता है
और मुझसे लड़ने के
बहाने ढूंढता रहता है।
अरे उसका चरित्र तो सस्ता है
बाजार में दो कौड़ी के भाव बिकता है।
पता चला है कि उसे भी ऐसा ही लगता है।

मेरी बहुरानी बहुत आलसी है
पूरे दिन कोई काम नहीं करती है
वो मेरे खिलाफ मेरे बेटे के
सारे दिन कान भरती है।
और मैं कुछ बोल दूं तो
अकड़कर बैठ जाती है
कोई बहाना लेती है गढ़
"कामचोरी के सौ तरीके"
किताब उसने रखी है पढ़।
इस घर में मेरी इज्जत कौन करता है?
पता चला है कि उसे भी ऐसा ही लगता है।

ये सामने की दुकान वाला दुकानदार
बहुत बेइमानी करता है।
पैसा ज्यादा लेता है
सामान कम तौलता है
अपने रोज के ग्राहकों से भी
ये बहुत ही कड़वा बोलता है।
सब आस पास के दुकानों की
उससे ये शिकायत है
कि खुले सामान में जमकर 
करता वो मिलावट है।
इस दुकान पर सब सामान शुद्ध मिलता है।
पता चला है कि उसे भी ऐसा ही लगता है।

मेरा यार मुझसे कितना प्यार करता है
अपने आप से भी पहले मुझे रखता है
कोई इतना निस्वार्थ कैसे हो सकता है?
वो मेरे लिए दुनिया छोड़ सकता है
लेकिन मुझे कभी नहीं खो सकता है।
लेकिन क्या मैं हकदार हूं इस प्रेम की?
मैने तो उसके लिए कुछ नहीं किया है
मैं खो गई खुद की परेशानियों में
और उसने हर पल मेरे लिए जिया है।
पता चला है कि उसे भी ऐसा ही लगता है।


नवंबर 2022 में लिखी ये कविता हमारे समाज में फैले दोगलेपन पर मेरे अवलोकनों पर आधारित है। जो बातें मैने पहले तीन पहरों में लिखी हैं, वो सब मैने सुनी हैं। हम इंसानों की ये प्रकृति है कि हम चुगली करे बिना नहीं रह सकते। अगर मेरे पास व्यक्ति A आता है तो मैं ये उसे ये बोलूंगा कि व्यक्ति B बेकार है, और यही बात में व्यक्ति भी को बोलूंगा कि व्यक्ति ए बेकार है। लेकिन विशिष्ट सापेक्षता में लोरेंज के रूपांतरण नियम की तरह ये भाव भी पूर्णता समित (symmetric) होता है, अगर आप किसी के को बुरा मानते हो तो सत प्रतिशत वो व्यक्ति भी आपको बुरा ही मानता है।

लेकिन फिर मुझे लगा कि इस रूपांतरण नियम के कुछ सकारात्मक उदाहरण भी हैं क्या? तो फिर मेरे मस्तिष्क में आया चौथा पहरा। 

Comments

  1. मुझे भी ऐसा ही लगता है। ☀️

    ReplyDelete

Post a Comment