Quest For Love Part 1

किसी का प्यार पाना आसान नहीं होता।
मैंने पूछा अपनी दिलरुबा से-
तुम्हारा दिल जीतने को क्या करना पड़ेगा?
कौन सा पुराण पढ़ना पड़ेगा?
कौन सा पहाड़ चढ़ना पड़ेगा?

वह बोली दिल तो जितना आसान है।
बस छोटी सी ख्वाहिश है मेरी-
चाहिए मुझे जूतियां की जोड़ी।
अगर दांव पर है तुम्हारा प्यार
तो मैं जूतियां ला दूं हजार।
बोली नहीं। ये यह वाली जूती खास है
मेरे दिल के बहुत पास है।
कोई दूसरी जूती नहीं चलेगी
बस यह वाली ही लानी पड़ेगी।

अब बात सुनो मेरे ध्यान से-
एक जूती लानी होगी राजस्थान से।
जहां आसानी से मिलता नहीं जल
जहां समदैशिक समदृष्य मरुस्थल
अगर लाता है तुम जूती वहां से
तो समझेंगे तो तुम्हारा प्यार सफल।

जहां जल जाती है सांस 
जहां मिटती नहीं है प्यास।
जहां जल जाते पैर हैं
वहां एक जिला जैसलमेर है।
उस जिले में एक गांव है
स्वरूप देसर जिसका नाम है।

वही गांव जहां बिजली नहीं आती
शहर से जहां सीधी बस नहीं जाती।
वहां जाकर तुम्हें सोचना होगा
गांव जाने का साधन खोजना होगा।
रास्ता ये आसान ना होगा
थक जाओगे आराम ना होगा।

गांव बड़ा है घर थोड़े हैं
गांव के आगे तीन धोरें‌ हैं।
तीसरे धोरे पर एक झोपड़ी है
जिसमें एक संदूक में जूती पड़ी है।
वहां जाकर थोड़ा सुस्ताना
और वह जूती ले आना।

यह बात बिल्कुल साची है
जूती बनाने वाला कालू मोची है।
वह इलाके में बहुत मशहूर है
मगर गांव से थोड़ा दूर है।
मेरी पहली जूती उसे दिखाना
आगे का रास्ता वह दिखाएगा
दूसरी जूती कहां है तुम्हें बताएगा।

पूरी बात कही इस लय‌‌ से
कि मैं चकित था विस्मय से।
तुमने तो पूरा सजा रखा है मिशन
जैसे ढूंढ रहा हूं अलादीन का जिन।
अब प्यार किया है तो निभाएंगे जरूर
जूती तुम्हारी लाएंगे जरूर।




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